हम रूठे हुए दिलों को मनाने में रह गए,
गैरों को दिल का दर्द सुनाने में रह गए,
मंज़िल हमारी हमारे करीब से गुज़र गई,
हम दूसरों को रास्ता दिखाने में रह गए।
कोइ इस दर्द-ए-दिल की दवा ला दो मुझे,
किसी पे ऐतबार न करूँ वो हुनर सिखा दो मुझे,
वैसे मैं हर एक खेल का शौक रखता हूँ,
दिलों से खेलना भी कोई सिखा दो मुझे।
बार बार गिर पड़ते है आँसू मेरे ही किताबों पर.
बार बार गिर पड़ते है आँसू मेरे ही किताबो पर.
लगता है कलम मे स्याही का दर्द.
कुछ हमशे भी ज्यादा है.
मोहब्बत का घना बादल बना देता तो अच्छा था,
मुझे तेरी आँख का काजल बना देता तो अच्छा था,
तुझे पाने की ख्वाइश अब जीने नहीं देती,
खुदा तू मुझे पागल बना देता तो अच्छा था।
वो जो रात होगी बड़ी दर्द की रात होगी.
जिस रात उनकी शादी होगी.
उठ जाता हूँ मै सोते सोते अक्सर ये सोच कर.
की गैर की बहो मे मेरी जान होगी.
उदास हूँ, पर आपसे नाराज नहीं;
आपके दिल में हूँ, पर आपके पास नहीं;
झूठ कहूँ तो सब कुछ मेरे पास हैं,
और सच कहूँ, तो आपकी यादो के
सिवा कुछ भी नहीँ।
ये क्या है जो आँखों से रिसता है,
कुछ है भीतर जो यूं ही दुखता है,
कह सकता हूँ पर कहता भी नहीं,
कुछ है घायल जो यहाँ सिसकता है।
तेरे पास आना चाहता हूँ मै.
तुझको अब दूर ना देखना चाहता हूँ मै.
इस दर्द की तकलीफ सहा नहीं जाता.
एक बार आजा तुझे पकड़ कर रोना चाहता हूँ मै.
बड़ी अजीब सा हलचल नजर आता है.
हर एक आँसू में दर्द नजर आता है.
कहाँ रखूँ मै नाजुक सा दिल.
हर किसी के पास नफ़रत नजर आता है.
दर्द ही दर्द है दिल में बयान कैसे करें,
ज़िंदगी ग़मों की गुलाम रिहा कैसे करें,
यूँ तो हमें हमारे दिल ने धोखे दिए बहुत,
पर अपने दिल से हम दगा कैसे करें।
कुछ इस तरह गुजर गयी दर्द.
जिंदगी के कुछ खास पलो के ही सहारे.
तुम रह गए उस किनारे और हम इस किनारे.
और जिंदगी चल पड़ी बस इसी के सहारे.
हर हकीकत से वाकिफ हो हमने कुछ सीख पायी हैं,
जज्बातों की लहरे दिल के रास्ते आँखाें से बाहर आयी हैं,
रुकने लगी हैं जीने की राहे मेरे लिए,
क्याेंकि प्यार व उमींदे की राहे अंधेरे में धुन्दली होती नजर आयी हैं..?
क्या बताऊँ अपना हाल ए दिल मैं तुम्हें,
देखूं जिधर बस एक ही नूर नज़र आये,
अब बता भी दो दवा ए दर्द क्या है इसकी,
या फिर किसी जाल में फसाया है तुमने हमें।
दुख का समा मुझे घेर लेता है,
जब तेरी याद में ये पल भर के लिए होता है,
ना जाने कब वो दिन आएगा,
जब हर पल इस ज़िन्दगी का तेरे साथ गुजर जाएगा।
दर्द अगर काजल होता तो आँखों में लगा लेते;
दर्द अगर आँचल होता तो अपने सर पर सजा लेते;
दर्द अगर समुंदर होता तो दिल को हम साहिल बना लेते;
और दर्द अगर तेरी मोहब्बत होती तो उसको चाहत-ऐ ला हासिल बना लेते।
गुलाब तो टूट कर बिखर जाता है;
पर खुशबु हवा में बरकरार रहती है;
जाने वाले तो छोड़ के चले जाते हैं;
पर एहसास तो दिलों में बरकरार रहते हैं।
दर्द होता है मगर शिकवा नहीं करते,
कौन कहता है कि हम वफा नही करते,
आखिर क्युँ नहीं बदलती तकदीर “आशिक” की,
क्या मुझको चाहने वाले मेरे लिए दुआ नहीं करते।
हमारी मोहब्बत को नाकाम न करके जाओ,
हमारी चाहत को बदनाम न करके जाओ,
खुद को कुछ कहो न कहो बस,
मेरी वफ़ा को बेवफाई का इलज़ाम न करके जाओ.
महफ़िल भी रोएगी हर दिल भी रोयेगा,
डुबा कर मेरी कश्ती साहिल भी रोयेगा,
इतना प्यार बिखेर देंगे दुनिया में हम,
कत्ल करके हमारा कातिल भी रोयेगा।
दर्द का एहसास समझना है तो प्यार करके तो देखो,
अपनी नज़रों में किसी को उतार कर तो देखो,
जब चोट लगेगी तो खुद-ब-खुद बहने लगेंगे तुम्हारी आँखों से आंसू,
यह एहसास आजमाना है तो अपना दिल हार कर देखो...!