सजा कैसी मिली मुझको तुमसे दिल लगाने की,
रोना ही पड़ा है जब कोशिश की मुस्कुराने की,
कौन बनेगा यहाँ मेरी दर्द-भरी रातों का हमराज,
दर्द ही मिला जो तुमने कोशिश की आजमाने की।
बहती हुई आँखों की रवानी में मरे हैं,
कुछ ख्वाब मेरे ऐन जवानी में मरे हैं,
इस इश्क ने आखिर हमें बरबाद किया है,
हम लोग इसी खौलते पानी में मरे हैं,
कब्रों में नहीं हमको किताबों में उतारो,
हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरे हैं।
मुझको तनहा देख कर उसने मुझसे वादा किया,
मेरे होते हुए कोई दुख ना देगा तुम्हें,
बाद में फिर जो कहा वो सच हो गया,
सभी दुखो को देने वाले आखिर में वहीं हुए।
प्यार किया तुझको दिलोजान से,
इस दिल में तुमको इस कदर बसा लिया,
भुला ना पाया है ये दिल तुझको आज तक,
लेकिन तुमने तो इसे दुख के आंसू रुला दिया।
तुम तो हमे भुला चुके हो कहीं,
किस्मत भी न भूला दे,
फिर प्यार हम इसलिए नहीं करते,
कहीं कोई दुबारा ना रुला दे..!
वो करते हैं बात मोहब्बत की हमसे ,
पर मोहब्बत के दर्द का उन्हें एहसास नहीं,
इश्क़ वो चाँद है जो दिखता तो है सबको,
पर उसे पाना सब के बस की बात नहीं।
बहुत दर्द हैं ऐ जान-ए-अदा तेरे इश्क में,
कैसे कह दूँ कि तुझे वफ़ा निभानी नहीं आती।
तन्हाई में गुजर जाएँ हम पर हजरों सदमे,
आँख में आँसू भी आयें ये ज़रूरी तो नहीं।
तेरी वफा के गम ने मुझे कभी हसने नहीं दिया,
इस दुनिया ने कभी मुझे रोने नहीं दिया,
टूट कर जब मैंने रात पनाह मांगी,
वहां भी तेरी याद ने मुझे रोने नहीं दिया।
अगर मैं लिखूं तो पूरी किताब लिख दूँ,
तेरे दिए हर दर्द का हिसाब लिख दूँ,
डरती हूँ कहीं तू बदनाम ना हो जाए,
वरना तेरे हर दर्द की कहानी मेरा हर ख्वाब लिख दूँ।
उनकी यादों को मिटाना बहुत कठिन है,
अपने गम को भूल जाना बहुत कठिन है,
जब राहे-मयखानों पर चलते हैं कदम,
होश में लौट कर आना बहुत कठिन है।
मिले न फूल तो काँटों से जख्म खाना है,
उसी गली में मुझे बार-बार जाना है,
मैं अपने खून का इल्जाम दूँ तो किसको दूँ,
लिहाज ये है कि क़ातिल से दोस्ताना है।
इलाज इश्क का क्या है हमें बताये कोई,
जो दर्द दिल में उठा है उसे मिटाए कोई,
तलाश उसकी मुझे हर जगह रहती है,
मिलेगा मुझको कहाँ वो जरा बताये कोई।
कोरे कागज पर हमने अपनी कहानी लिख दी,
मिला जाे दुनिया से हमें, उससे हमने शायरी लिख दी,
फिर क्यों अाखों के आसुओं में तेरी कमी है दिखती,
अाैर मेरे जिंदगी की किताब पर तेरे एहसास की निशानी दिखती.
हमने खोया इतना कुछ कि पाना ना आया,
प्यार कर तो लिया हमने पर जताना न आया;
आ गए थे तुम इस दिल में पहली नज़र में ही,
बस हमें ही आपके दिल में समाना न आया।
वादा हमने किया है, निभाने के लिए;
एक दिल दिया है, एक दिल को पाने के लिए;
पहले तो उन्होंने दिल चुरा लिया;
फिर कहा, मोहब्बत की थी सिर्फ तुम्हे तड़फ़ाने के लिए।
दिल का दर्द छुपाना कितना मुश्किल है,
ग़म में मुस्कुराना कितना मुश्किल है,
दूर तक जब चलो किसी के साथ,
फिर तन्हा लौट के आना कितना मुश्किल है।
अब मेरे दर्द-ए-दिल की दवा तू न कर,
हर दवा तेरी यूँ ही बिखर जाएगी,
दिल के ज़ख्मों पे तू कोई मरहम न कर,
ये अदा तेरी दिल में उतर जाएगी,
आशियाना है ग़म-ए-ज़िन्दगी का मेरी,
दूर होते ही उल्फ़त बिखर जाएगी।
जो मेरा था, वो मेरा हो ना पाया;
आँखों मे आंसू थे, पर रो ना पाया;
एक रोज़ उसने कहा, हम मिलेंगे ख्वाबो मे;
और मेरी किस्मत तो देखो, उसी रात मे सो ना पाया।
जरा सी जिंदगी मे अरमान बहुत है.
हमदर्द नहीं कोई नहीं इंसान बहुत है.
दिल के दर्द ये सुनाये किसको.
जो दिल के करीब है वो अंजान बहुत है..!
दर्द इतना था मेरे दिल में मैं बता न सकी,
आँखों में आँसू थे फिर भी गिरा न सकी,
चला गया वो शख्स हमेशा के लिए,
पर मैं अपने दिल की बात बता न सकी।