उनकी यादों में सबकुछ भुलाये बैठी हूँ,
चिराग खुशियों के जलाये बैठी हूँ,
काश हम मरते उनकी बाहों में,
यही आरज़ू दिल में सजाये बैठी हूँ ll
दिल में हर बात आज भी वही है,
ज़ाहिर है तुझ पे मेरा हक़ नहीं है,
देखते देखते यु मंज़र बदल गया,
तू मेरा होकर भी मेरा नहीं है।
कभी तो हमे भी याद करोगे,
दो पल मेरे लिए भी बर्बाद करोगे,
इंतज़ार रहेगा हमे भी क़यामत तक हम भी तो देखे तुम,
आखिर कब तक हमे प्यार न करोगे।
याद में तेरी कैसे दिन गुजरे हैं,
पूछो न हमसे आलम वो दूरियों का,
काँटों की तरह चुभता रहा वो लम्हा,
रो रो कर गुजरा है हर पल तन्हाई का।
बेताब सा रहने की आदत सी पड़ गई,
दिल में उनके प्यार की खुशबू बिखर गई,
आँखों से गुजरे थे वो एक ख्वाब की तरह,
उनकी हसीं सूरत मेरे दिल में उतर गई।
मेरे जाने का तू अब कोई ग़म न करना,
अपनी खूबसूरत आँखों को नम न करना,
मेरे अरमान तो मेरे दिल में ही जल गये,
मेरी यादों को दिल से कम न करना।
दिल में राज छिपा है दिखाऊं कैसे,
हो गया है प्यार आपसे बताऊँ कैसे,
दुनिया कहती है मत लिखो नाम दिल पर,
जो नाम दिल में है उसे मिटाऊं कैसे।
बड़ी आसानी से दिल लगाए जाते हैं,
पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते हैं,
लेकर जाती है मोहब्बत उन राहों पर,
जहां पर दिये नहीं दिल जलाए जाते हैं।
ज्यादा लगाव ना रख मुझसे ,
मेरे दुश्मन कहते है मेरी उम्र छोटी है ,
डर मौत का नहीं, तेरे अकेलेपन का है।
तुझसे दूरी का एहसास सताने लगा,
तेरे साथ गुज़रा हर पल याद आने लगा,
जब भी कोशिश की तुझे भूलने की,
तू और ज्यादा दिल के करीब आने लगा।
मायने ज़िन्दगी के बदल गये अब तो,
कई अपने मेरे बदल गये अब तो,
करते थे बात आँधियों में साथ देने की,
हवा चली और सब मुकर गये अब तो।
खोया हूँ तेरे ख्यालों में पर,
तेरी आँखों को अब मेरी जरुरत नहीं।
चाहता हूँ फिर लौट आओ तुम मेरी बाँहों में,
पर लौट आना वक़्त की आदत नहीं।
तेरी यादों की नौकरी में, गज़ल की पगार मिलती है,
खर्च हो जाते हैं झूठे वादे, व़फा कहाँ उधार मिलती है,
ज़िन्दगी इतनी भी बुरी नहीं की मरने को जे चाहे,
बस कुछ लोग इतने दरद देते है की जीने को दिल नहीं करता.
कितना बुरा लगता है जब,
बादल हो और बारिश ना हो,
जब जिंदगी हो और पैर ना हो,
जब आंखे हो और ख़्वाब ना हो,
जब कोई अपना हो और,
कोई पास ना हो।
ऐ दिल! मत कर इतनी मोहब्बत तू किसी से,
इश्क़ में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा,
टूट कर बिखर जायेगा एक दिन अपनों के हाथों,
किसने तोड़ा ये भी किसी से कह नहीं पायेगा।
अब तो तबियत हमारी बिगड़ने लगी है,
कोई चाहत जो हमसे बिछड़ने लगी है,
आरज़ू जो कोई दिल में दबी रह गयी,
अब बन के धुआँ कहीं उड़ने लगी है,
हर अक्स तेरा दिल की गहराई में है,
रूह दिल के ज़ख्मों से डरने लगी है।
आखों से उनकी तस्वीर हटती ही नहीं,
दिल से उनकी यादें मिटती भी नहीं,
भूलाए तो भूलाए भी कैसे उन्हें,
उनके बिना धडकने चलती भी तो नहीं..!
तेरे बिना तनहा हम रहेने लगे है,
दर्द के तुफ्हानो को सहेने लगे है,
बदल गयी है इस क़दर मेरी ज़िन्दगी,
अक्स बन कर पल्खों से बहेने लगी है.
आज अचनक तेरी याद ने मुझे ने मुझे रुला दिया,
किया करू तुमने जो मुझे भुला दिया,
न करती वफ़ा न मिलती सजा,
सायद मेरी वफ़ा ने ही तुझे बेवफा बना दिया.
अपनी ख्वाहिश को कभी गरज्मंद मत करना,
बिना चाहत के कभी किसी को पसंद मत करना,
क्या पता कब तेरा कोई मेहमां आ जाये,
दिल का दरवाजा किसी पर भी कभी बंद मत करना ll