दोस्ती की वो मिसाल बनायेंगे हम;
आँखें बंद करोगे तो नज़र आयेंगे हम;
भर देंगे इतना प्यार आपके दिल में कि;
सबसे पहले याद आयेंगे हम।
जख्म देने की आदत नहीं हमको;
हम तो आज भी वो अहसास रखते हैं;
बदले-बदले तो आप हैं जनाब;
हमारे अलावा सबको याद रखते हैं।
नराजगी का शबाब तो पूछ लिया करो;
दुनिया लाख हो याद तो कर लिया करो;
मत रखो बेशक हर एक पल की खबर;
जिंदा हैं या मर गए इतना तो पूछ लिया करो।
मजबूरी में नहीं, दिल करे तो याद करना;
दुनिया से फुर्सत मिले तो याद करना;
दुआ है ज़माने की हर ख़ुशी पाओ आप;
फिर भी आँख भर आये तो हमें जरूर याद करना।
गहरी थी रात लेकिन हम खोये नहीं;
दर्द बहुत था दिल में, मगर हम रोए नहीं;
कोई नहीं हमारा जो पूछे हमसे;
जाग रहे हो किसी के लिए या किसी के लिए सोए नहीं।
सोचा याद ना करके थोड़ा तड़पायें उनको;
किसी और का नाम लेकर जलायें उनको;
पर कोई चोट उनको लगी तो दर्द हमें होगा;
अब कोई ये बताये कि किस तरह सतायें उनको!
बहेंगी जब भी सर्द हवायें;
हम खुद को तन्हा पायेंगे;
एहसास तुम्हारे साथ का;
हम कैसे महसूस कर पायेंगे।
हर एक मजर पर उदासी छाई है;
चाँद की रोशनी में भी कमी आई है;
अकेले अच्छे थे हम अपने आशियाने में;
जाने क्यों टूटकर आज फिर आपकी याद आई है।
हर बात कहकर समझाई नहीं जाती;
हर चीज़ जिंदगी में पाई नहीं जाती;
यूं तो हर वक्त याद करते हैं आपको;
पर क्या करें यादें तो किसी को दिखाई नहीं जाती।
समझा दो अपनी यादों को;
वो बिना बुलाये पास आया करती हैं;
आप तो दूर रहकर सताते हो मगर;
वो पास आकर रुलाया करती हैं।
वो जिंदगी ही क्या जिसमें मोहब्बत नहीं;
वो मोहब्बत ही क्या जिसमें यादें नहीं;
वो यादें ही क्या जिसमें तुम नहीं;
और वो तुम ही क्या जिसके साथ हम नहीं।
कभी एक लम्हा ऐसा भी आता है;
जिसमें बीता हुआ कल नजर आता है;
बस यादें रह जाती हैं याद करने के लिए;
और वक्त सबकुछ लेकर गुजर जाता है।
जब भी होगी पहली बारिश;
तुमको सामने पायेंगे;
वो बूंदों से भरा चेहरा;
तुम्हारा हम कैसे देख पायेंगे।
यादों की कीमत वो क्या जाने;
जो खुद यादों को मिटा दिया करते हैं;
यादों का मतलब तो उनसे पूछो;
जो यादों के सहारे जिया करते हैं।
जीना चाहते हैं मगर ज़िन्दगी रास नहीं आती;
मरना चाहते हैं मगर मौत पास नहीं आती;
बहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी से;
उनकी यादें भी तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती।
ज़ुबा पर जब किसी के दर्द का अफ़साना आता है;
हमें रह-रह के याद अपना दिल-ए-दीवाना आता है।
दूरियां ही नज़दीक लाती हैं;
दूरियां ही एक दूजे की याद दिलाती हैं;
दूर होकर भी कोई करीब है कितना;
दूरियां ही इस बात का एहसास दिलाती हैं।
खामोश रात के पहलू में सितारे न होते;
इन रूखी आँखों में रगींन नज़ारे न होते;
हम भी न करते याद आपको;
अगर आप इतने प्यारे न होते।
लम्हों की यादें संभाल के रखना;
हम याद तो आयेंगे ही लेकिन - लौटकर नहीं।
सागर में गहराई होती है;
यादों में तन्हाई होती है;
इस व्यस्त जिंदगी में कौन किसको याद करता है;
और अगर कोई करता है तो उसकी यादों में सच्चाई होती है।