आज फिर गुमनाम चेहरों में तू नज़र आया है,
आज “फिर” तेरी यादों ने मुझे रुलाया है,
तेरी मोहब्बत ने मुझे चकना चूर किया है,
क्यों आज फिर तूने वेबफा का इल्ज़ाम लगाया है।
तुझसे पहले भी कई जख्म थे सीने में मगर,
अब के वह दर्द है दिल में कि रगें टूटती हैं।
जो इश्क करते है वही रोते है,
जो कहते है मुझे मत छोड़ना अक्सर वही छोड़ देते है।
गलतफहमी का एक लम्हा भी दिलो के बीच होता है,
तो खुशियो के सौ लम्हे भी तोड़ दिया करता है।
तेरे दिए हुए जख्म धीरे धीरे भर जायेंगे,
बस तू जमाने से जिक्र न करना,
बहुत शुक्रिया है तेरा दर्द देने के लिये,
बस तू मेरी फ़िक्र न करना।
यहां कौन करता है मोहब्बत निभाने के लिए,
बस ये दिल तो खिलौना है इस ज़माने के लिए।
मुझे खबर है तेरे दिल मे मैं नही,
तेरे दिल मे कोई और ही सही,
तू कभी भुलाया न जायेगा,
तू बस एक टूटा हुआ ख्वाब ही सही।
वो कितनी आसानी से मेरे दिल के टुकड़े टुकड़े करके किसी और कि बाहों में सो गया,
कितने आसान से लफ़्ज़ों में बेवफ़ाई का नाम मज़बूरी हो गया।
इश्क करो तो मुस्कुरा कर,
किसी को धोखा न दो अपना बना कर,
करलो याद जब तक जिन्दा हैं,
फिर न कहना चले गये दिल में यादे बसा कर।
कितना दूर निकल गए रिश्ते निभाते निभाते
खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते
लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में…!