कितनी तन्हाई है ज़िन्दगी में तुम्हारे बिना;
तुम आकर इसे महफ़िल कर दो,
बेरंग सी मेरी ज़िन्दगी में,
रंग ही रंग भर दो..!
उसके बिन चुप चुप रहना अब अच्छा लगता है,
खामोशी से एक दर्द को सहना भी अच्छा लगता है,
उसका मिलना न मिलना तो किस्मत की बात है,
पर पल पल उसकी याद में रोना अब अच्छा लगता है..!
जब भी आपसे मिलने की तक़दीर नज़र आयी,
मुझे पाँव में बँधी ज़ंजीर नज़र आयी,
तेरी याद में निकल पड़े मेरे आँसू,
हर आँसू में तेरी तस्वीर नज़र आयी।
दूरियां ही नजदीक लाती हैं,
दूरियां ही एक दूजे की याद दिलाती हैं,
दूर होकर भी कोई करीब है कितना,
दूरियां ही इस बात का एहसास दिलाती हैं.
I Miss You.
यादें उनकी ही आती हैं जिनसे कोई ताल्लुक हो,
हर शख्स मोहब्बत की नजर से देखा नहीं जाता।
शाम होते ही चिरागों को बुझा देता हूँ,
ये दिल ही काफी है तेरी याद में जलने के लिए।
ना दूर हमसे जाया करों, दिल तड़प जाता है,
आपके ख्यालों में ही हमारा दिन गुजर जाता है,
पूछता है यह दिल एक सवाल आपसे…!
क्या दूर रहकर भी आपको हमारा ख्याल आता है.
उतना हसीन फिर कोई लम्हा नहीं मिला,
तेरे जाने के बाद कोई भी तुझ सा नहीं मिला,
सोचा करूं मैं एक दिन खुद से ही गुफ्तगुं,
लेकिन कभी में खुद को तन्हा नहीं मिला।
कब तक तरसते रहेगे तुझे पाने की चाहत में,
दे कोई ऐसा ज़ख्म की मेरी सांस टूट जाए,
और तेरी जान छूट जाए..!
मत पूछो कैसे...!
गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना,
कभी मिलने की हसरत
कभी देखने की तमन्ना।
हम तेरे साथ चलेंगे तू चले ना चले,
तेरा हर दर्द सहेंगे तू कहे ना कहे,
सजी रहेगी दुनियां तेरी खुशियों से हमेशा,
चाहे हम इस दुनियां में रहें ना रहें।
तुम साथ हो तो दुनियां अपनी सी लगती है,
वरना सीने मे सांसे भी पराई सी लगती है..!
रात गुमसुम है मगर चाँद खामोश नहीं,
कैसे कह दूँ, मैं आज होश में नहीं,
मैं डूबा इस कदर तेरी आँखों के गहराई में,
कि हाथ में जाम हैं, मगर पिने का होश नहीं।
वक़्त का मरहम हर जख्म को भर देता है,
टूटे ख्वाब यादों के मौसम में दर्द ज़रूर देते हैं।
कलाई पर घड़ी बांध लेने से वक्त नहीं थमता,
उसे जीना पड़ता है, ताकि लम्हा यादो मै कैद हो जाये।
दिल से रोये मगर होठो से मुस्करा बैठे,
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बैठे,
वो हमे एक लम्हा न दे पाए प्यार का,
और हम उनके लिए ज़िन्दगी लुटा बैठे।
कोई चला गया दूर हमसे तो क्या करे,
कोई मिटा गया सब निशान तो क्या करे,
याद आती है उनकी हमें हद से ज्यादा,
मगर वो याद न करे तो क्या करे।
बैठ के किसी का इंतजार करके देखना,
कभी तुम भी किसी से प्यार करके देखना,
कैसे टूट जाते हैं मोहब्बत के रिस्ते,
गलतियाँ कभी दो चार करके देखना।
जिक्र उनका ही आता है मेरे फ़साने में,
जिनको जान से ज्यादा चाहते हैं ज़माने में,
तन्हाई में उनकी ही याद का सहारा मिला,
जिनको नाकाम रहे हम भुलाने में।
कितना इख्तियार था उससे अपनी चाहत पर,
जब चाहा याद किया जब चाह भुला दिया,
अच्छे से जानता है वो मुझे भुलाने के तरीके,
जब चाहा हँसा दिया जब चाहा रुला दिया।
साथ हमारा चाहे पल भर का सही,
पर वो पल ऐसे जैसे कोई कल नहीं,
न हो ज़िन्दगी में शायद फिर मिलना हमारा,
पर महकती रहेंगी तुम्हारी यादें हमारे संग यूँ ही।
नींद आँखों में नहीं वो ख्वाब खो गए,
तन्हा ही थे, कुछ तेरे बिन हम हो गए,
दिल कुछ तड़प उठा, ज़ुबान भी लड़खड़ाई,
तेरी याद में दो आँसू चुपके से बह गए।