एक सच्चा मित्र वो है जो उस वक़्त आपके,
साथ खड़ा है जब उसे कहीं और होना चाहिए था.
ज़िन्दगी एक रेलवे स्टेशन की तरह है ,
प्यार एक ट्रेन है जो आती है और चली जाती है ,
पर दोस्त enquiry counter है ,
जो हमेशा कहते हैं May I Help You!.
दोस्ती एक आईने की तरह है,
जो कभी कभी टूट जाती है,
पर जुड़ने पर भी दरार पड़ जाती है।
हम कभी दोस्तों को भूलते नही हैं,
लेकिन ये बात किसी को जताते नही हैं,
दोस्तों को हमेशा रखते हैं हम याद,
क्योंकि भूलने को हम दोस्त बनाते नही हैं।
सच्चे दोस्त हमें कभी गिरने नहीं देते,
न किसी कि नजरों मे न किसी के कदमों में।
किसी भी झूठे दोस्त से कभी प्रेम मत करना,
और एक सच्चे दोस्त को कभी गेम मत करना।
हमेशा मनुष्य को परछाई और आईने की तरह दोस्त बनाने चाहिए,
क्योंकि परछाई कभी साथ नही छोड़ती और आईना कभी झूठ नही बोलता।
सच्चा दोस्त वो है जो कभी आपके रास्ते में नही आता है,
वो अपना कदम तभी बढ़ाता है जब आपका रास्ता गलत नज़र आता है।
लम्हे फुर्सत के आएं तो, रंजिशें भुला देना दोस्तों,
किसी को नहीं खबर कि सांसों की मोहलत कहाँ तक है।
एक सच्चा दोस्त बहुत धीरे धीरे ढूँढ़िये,
और जब वो मिल जाये तो उसे कभी न खोइये.
दोस्ती कभी ख़ास लोगों से नहीं होती,
जिनसे हो जाती है वही लोग ज़िन्दगी में ख़ास बन जाते है.
मैं अकेले दिन की रौशनी में चलना पसन्द नही करता हूँ,
बल्कि मैं अपने सच्चे दोस्त के साथ अँधेरे में चलना पसन्द करता हूँ।
मैं उस दोस्त को महत्त्व देता हूँ,
जो अपने कैलेण्डर पर मेरे लिए वक़्त निकालता है,
लेकिन मैं उसे दोस्त को संजोंता हूँ,
जो मेरे लिए अपना कैलेण्डर नहीं देखता.
अगर दोस्ती बुरी हो जाये तो उसे होने मत दो,
अगर हो भी जाये तो उसे खोने मत दो,
और अगर दोस्त हो जान से भी प्यारा,
तो उसे चैन की नींद सोने मत दो।
यार को यार का इशारा याद रहता है,
हर यार को अपना याराना याद रहता है,
कुछ समय तो अपने सच्चे यार के साथ बिताओ!.
कुछ लोग कहते है दोस्ती बराबर वालो से करनी चाहिये,
लेकिन हम कहते है दोस्ती में कोई बराबरी नही करनी चाहिये।.
रिश्तों से बड़ी जरुरत क्या होगी,
दोस्ती से बड़ी इबादत क्या होगी,
जिसे दोस्त मिल जाये तुम जैसा अनमोल,
ज़िन्दगी से उसे और शिकायत क्या होगी।
किस हद तक जाना है यह कौन जानता है,
कौनसी मंजिल पाना है यह कौन जानता है,
दोस्ती के ये पल जीभर के जी लो,
किस रोज बिछड़ जाएं ये कौन जानता है।।
वो दोस्त मेरी नज़र में बहुत माईने रखते है,
जो वक़्त आने पर मेरे सामने आईने रखते है.
लोग दौलत देखते हैं, हम इज़्ज़त देखते हैं,
लोग मंज़िल देखते हैं, हम सफ़र देखते हैं,
लोग दोस्ती बनाते हैं, हम उसे निभाते हैं...!
दिन आते हैं दिन जाते हैं, कुछ लम्हे
आपके बिन गुजर नहीं पाते हैं,
तमाम लम्हों को समेट कर देखूं तो
आप जैसे दोस्त बहुत याद आते हैं।।