किसी को याद करने से किसी का दीदार नही होता,
सिर्फ याद करना ही किसी से प्यार नही होता,
किसी की यादों में वे इन्तेहाँ हम भी तड़पटे हैं,
बस उसे हमारे जज़्बात का एहसास नही होता।
जब ये दिल टूटता है तो दुख होता है,
करके इश्क ये दिल रोता है,
दर्द का एहसास तो तब होता है,
जिससे इश्क हो वो किसी और का होता है।
फिर कहीं दूर से एक बार सजा दो मुझको,
मेरी तन्हाई का एहसास दिला दो मुझको,
तुम तो चाँद हो तुम्हें मेरी ज़रुरत क्या है,
मैं दिया हूँ किसी चौखट पे जलादो मुझको.
दिल के दर्द छुपाना बहुत मुश्किल है,
टूट कर फिर मुस्कुराना बहुत मुश्किल है,
किसी अपने के साथ दूर तक जाओ फिर देखो,
अकेले लौट कर आना कितना मुश्किल है।
कांच का तोहफा न देना कभी किसी,
रूत केर लोग तोड़ दिया करते हैं,
जो बहुत अच्छे हों उनसे प्यार मत करना,
अच्छे लोग ही दिल तोड़ दिया करते हैं।
इस दिल ने अब प्यार करना छोड़ दिया,
जिस दिन से तुमने यह दिल तोड़ दिया,
अब तो रो भी नहीं सकते अपनी बेबसी पे,
इन आँखों ने अब रोना भी छोड़ दिया।
इंसान के आधे दुःख तो गलत इंसान से रिश्ता जोड़ने से होते है,
और बाकि के आधे दुःख सच्चे इंसान पर शक करने से होते है।
जब कोई दिल तोड़ कर चला जाता है,
तब दरिया का पानी आँखों मे उतर जाता है,
कोई बना लेता है रेत पर आशियाना,
कोई लहरों में बिखर जाता हैं।
कुछ रूठे हुए लम्हें कुछ टूटे हुए रिश्ते..!
हर कदम पर काँच बन कर जख्म देते है..!
अजीब दस्तूर है, मोहब्बत का,
रूठ कोई जाता है, टूट कोई जाता है..!
हम जो एक बार चले गये फिर पा न सकोगे,
हम चले जायेंगे वहाँ जहाँ तुम आ न सकोगे,
मिलने के लिए तड़पोगे तो बहुत,
लेकिन हम चले जायेंगे वहाँ जहाँ से फिर बुला न सकोगे।
इंसान हमेशा एक ही बार मोहब्बत करता है,
बाकि की मोहब्बत तो पहली बाली को भुलाने के लिये करता है।
काश की खुदा ने दिल शीशे के बनाये होते,
तोड़ने वाले के हाथों में जख्म तो आए होते।
संग-ए-मरमर से तराशा खुदा ने तुझे,
बाकी जो पत्थर बचा तेरा दिल बना दिया।
ना वो आ सके ना हम कभी जा सके,
ना दर्द दिल का किसी को सुना सके.
बस बैठे है यादों में उनकी,
ना उन्होंने याद किया और ना हम उनको भुला सके.
ये मोहब्बत के हादसे अक्सर,
दिलों को तोड़ देते हैं!.
तुम मंजिल की बात करते हो,
लोग राहों में ही साथ छोड़ देते हैं!.
ऐ मेरे दिल मत कर इतनी मोहब्बत तू किसी से,
इश्क़ में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा,
एक दिन टूट कर बिखर जायेगा अपनों के हाथों से,
किसने तोड़ा ये भी किसी से कह नहीं पायेगा।
तुझे चाहा भी था तुझे पाना भी था,
तेरे साथ खुशी का गीत गाना भी था,
लेकिन तुमने मुझे कुछ इस तरह धोखा दिया,
फिर टूटे हुए दिल को समझाना भी था।
दिल के समुन्दर में एक गहराई है,
उसी गहराई से तुम्हारी याद आई है,
जिस दिन हम भूल जाये आपको,
समझ लेना हमारी मोत आई है..!
जैसे निकलती है हवा सूखे पत्तो से,
वैसे ही आँखो से ख्वाब होकर निकलते गये,
बिना माँगे ही दुख मिला हैं बहुत ए रब्बा,
बस एक प्यार ही ना मिला जो हम माँगते रहे!!.
इस मोहब्बत की किताब के,
बस दो ही सबक याद हुए,
कुछ तुम जैसे आबाद हुए,
कुछ हम जैसे बरबाद हुए।
मेरा दिल मुझसे कहता है बार बार
जो बात तक नही करता वो प्यार क्या करेगा।